रेलवे ट्रैक मे पत्थर (बैलेस्ट) क्यों बिछाई जाती है ?
रेलवे ट्रैक पर पत्थर (बैलेस्ट) बिछाने की परंपरा का एक लंबा ऐतिहासिक विकास रहा है। यह प्रणाली न केवल ट्रैक की संरचना को सुरक्षित और मजबूत बनाने के लिए उपयोग की जाती है, बल्कि इसमें तकनीकी और ऐतिहासिक दृष्टिकोण भी जुड़ा है। इस उत्तर में हम रेलवे ट्रैक पर पत्थर बिछाने के पीछे के वैज्ञानिक और तकनीकी कारणों को विस्तार से समझेंगे और साथ ही इस परंपरा का ऐतिहासिक परिप्रेक्ष्य भी जानेंगे। 1. बैलेस्ट का परिचय और इसकी परंपरा का प्रारंभ बैलेस्ट का प्रयोग रेलवे ट्रैक की मजबूती और सुरक्षा बढ़ाने के लिए किया जाता है। जब 19वीं शताब्दी में रेलवे प्रणाली की शुरुआत हुई, तब ट्रैक के नीचे बैलेस्ट का उपयोग नहीं किया जाता था। शुरुआती समय में ट्रैक को सीधे जमीन पर रखा जाता था, लेकिन जल्द ही यह पाया गया कि जमीन की अस्थिरता के कारण ट्रैक समय के साथ बैठने या टूटने लगता है। इससे रेलवे ट्रैक पर पत्थर बिछाने की आवश्यकता महसूस हुई। 2. इंडस्ट्रियल रिवॉल्यूशन और रेलवे प्रणाली का विकास 19वीं शताब्दी के मध्य में, इंडस्ट्रियल रिवॉल्यूशन के दौरान रेलवे परिवहन प्रणाली का तेजी से विकास हुआ। इस दौरान, ब्रिटेन में...