Posts

रेलवे ट्रैक मे पत्थर (बैलेस्ट) क्यों बिछाई जाती है ?

Image
रेलवे ट्रैक पर पत्थर (बैलेस्ट) बिछाने की परंपरा का एक लंबा ऐतिहासिक विकास रहा है। यह प्रणाली न केवल ट्रैक की संरचना को सुरक्षित और मजबूत बनाने के लिए उपयोग की जाती है, बल्कि इसमें तकनीकी और ऐतिहासिक दृष्टिकोण भी जुड़ा है। इस उत्तर में हम रेलवे ट्रैक पर पत्थर बिछाने के पीछे के वैज्ञानिक और तकनीकी कारणों को विस्तार से समझेंगे और साथ ही इस परंपरा का ऐतिहासिक परिप्रेक्ष्य भी जानेंगे। 1. बैलेस्ट का परिचय और इसकी परंपरा का प्रारंभ बैलेस्ट का प्रयोग रेलवे ट्रैक की मजबूती और सुरक्षा बढ़ाने के लिए किया जाता है। जब 19वीं शताब्दी में रेलवे प्रणाली की शुरुआत हुई, तब ट्रैक के नीचे बैलेस्ट का उपयोग नहीं किया जाता था। शुरुआती समय में ट्रैक को सीधे जमीन पर रखा जाता था, लेकिन जल्द ही यह पाया गया कि जमीन की अस्थिरता के कारण ट्रैक समय के साथ बैठने या टूटने लगता है। इससे रेलवे ट्रैक पर पत्थर बिछाने की आवश्यकता महसूस हुई। 2. इंडस्ट्रियल रिवॉल्यूशन और रेलवे प्रणाली का विकास 19वीं शताब्दी के मध्य में, इंडस्ट्रियल रिवॉल्यूशन के दौरान रेलवे परिवहन प्रणाली का तेजी से विकास हुआ। इस दौरान, ब्रिटेन में...

BRICS SUMMITT 2024

Image
BRICS Summit 2024: Strengthening Global Cooperation and Multipolarity The 16th BRICS Summit, scheduled for 2024, promises to be a pivotal moment in the evolution of the global economic order. As the world grapples with unprecedented challenges, the BRICS nations – Brazil, Russia, India, China, and South Africa – will convene to foster cooperation, promote multipolarity, and address pressing global issues. Key Objectives: 1. Strengthening Economic Ties: Enhancing trade, investment, and infrastructure development among member nations. 2. Global Governance Reform: Advocating for a more inclusive and representative international system. 3. Multilateral Cooperation: Addressing climate change, pandemics, and regional security concerns. 4. Innovation and Technology: Promoting collaboration in AI, renewable energy, and digital economy. Thematic Focus: The 2024 BRICS Summit is expected to focus on: 1. Global Economic Recovery: Strategies for sustainable growth and development. 2. Cl...

भारत:एक नजर मे (One liner)

### भारत: एक नजर में ### 1. महत्वपूर्ण स्मरणीय तथ्य 1. भारत की राजधानी है — नई दिल्ली (1912 ई.) 2. भारत का कुल क्षेत्रफल है — 32,87,263 वर्ग कि.मी. 3. क्षेत्रफल की दृष्टि से विश्व में भारत का स्थान है — 7वाँ 4. भारत का देशांतरीय विस्तार है — 68°7' पूर्व से 97°25' पूर्वी देशांतर तक 5. भारत का अक्षांशीय विस्तार है — 8°4' उत्तर से 37°6' उत्तरी अक्षांश तक 6. भारत की स्थल सीमा की लम्बाई है — 15,200 कि.मी. 7. भारत की समुद्री तट रेखा की लम्बाई है — 7,516.6 कि.मी. 8. भारत के उत्तर में स्थित पर्वत श्रेणी है — हिमालय 9. भारत का दक्षिणतम बिन्दु है — इंदिरा प्वाइंट (8°4' उत्तरी अक्षांश पर) 10. भारत का पश्चिमतम बिन्दु है — कच्छ (गुजरात) के सिर क्रीक के निकट गौर मट 11. भारत का उत्तरीतम बिन्दु है — इंदिरा कॉल (जम्मू-कश्मीर) 12. भारत का पूर्वतम बिन्दु है — किबिथू (अरुणाचल प्रदेश) 13. भारत का मानक समय आधारित होता है — 82½° पूर्वी देशांतर (इलाहाबाद के निकट निर्गनपुर) 14. भारतीय मानक समय ग्रीनविच मानक समय से आगे होता है — 5 घंटा 30 मिनट (अग्र) 15. उत्तर से दक्षिण भारत की लंबाई है — 3,...

भारतीय रेल से संबंधित महत्वपूर्ण तथ्य (Hindi/English)

#### भारतीय रेल : महत्वपूर्ण तथ्य 1. **महत्वपूर्ण स्मरणीय तथ्य** - भारतीय रेल की स्थापना 16 अप्रैल, 1853 को बोरीबंदर, मुंबई (अब छत्रपति शिवाजी टर्मिनस) से ठाणे के बीच (34 कि.मी.) दूरी तय की। - भारत में पहला रेलवे ब्रिज ठोमसन पुल के नाम से जाना जाता है, जो तत्कालीन बॉम्बे प्रेसीडेंसी में सूरत रेलवे स्टेशन पर है। - भारत के पहले रेल इंजन का नाम "फेयरी क्वीन" था, जो 1855 में बनकर तैयार हुआ। - भारत का सबसे व्यस्त रेलवे स्टेशन "हावड़ा जंक्शन" (पश्चिम बंगाल) है। - भारतीय रेल के तहत सबसे लंबा रेलवे प्लेटफार्म गोरखपुर (उत्तर प्रदेश) है, जिसकी लंबाई 1366.33 मीटर है। - भारतीय रेल के सबसे ऊँचे रेलवे स्टेशन "घूम" (दार्जिलिंग हिमालयन रेलवे) है। - भारत में सबसे पहली रेलगाड़ी (कोयला मालगाड़ी) 1825 में मेट्टूपालयम से कुनूर तक चलाई गई थी। - स्वतंत्रता के बाद, भारतीय रेल का राष्ट्रीयकरण 1951 में किया गया। - भारतीय रेल की 18 जोनल व्यवस्था है।    2. **क्षेत्रीय रेल जोन एवं मुख्यालय** - दक्षिणी रेलवे: चेन्नई - 14.04.1951 - मध्य रेलवे: मुंबई (मध्य) - 05.11.1951 - पूर्वी रेलवे: क...

लेबनान: परिचय, इतिहास और वर्तमान स्थिति

लेबनान: परिचय, इतिहास और वर्तमान स्थिति परिचय: लेबनान, जिसे आधिकारिक रूप से "लेबनीज़ गणराज्य" कहा जाता है, भूमध्य सागर के पूर्वी तट पर स्थित एक छोटा लेकिन महत्वपूर्ण देश है। अपने छोटे आकार के बावजूद, लेबनान ऐतिहासिक रूप से व्यापार और संस्कृति का एक महत्वपूर्ण केंद्र रहा है। इसकी जनसंख्या लगभग 70 लाख है, और यह विविध सांस्कृतिक धरोहर, विभिन्न धर्मों का मिश्रण, और प्राचीन सभ्यताओं से लेकर आधुनिक राजनीतिक संघर्षों से प्रभावित इतिहास के लिए जाना जाता है। लेबनान उत्तर और पूर्व में सीरिया, दक्षिण में इज़राइल से घिरा है, और पश्चिम में भूमध्य सागर इसकी सीमा बनाता है। इसका रणनीतिक स्थान इसे व्यापार का केंद्र बनाने के साथ-साथ विदेशी शक्तियों के संघर्ष का मैदान भी बना चुका है। देश की राजधानी, बेरूत, दुनिया के सबसे पुराने शहरों में से एक है और यह लेबनान का सांस्कृतिक और आर्थिक केंद्र है। लेबनान को अक्सर "मध्य पूर्व का स्विट्जरलैंड" कहा जाता है, खासकर इसके बैंकिंग सेक्टर और पर्यटन उद्योग के कारण, लेकिन यह देश लंबे समय से गृहयुद्ध, राजनीतिक अस्थिरता और विदेशी हस्तक्षेप का भी शिकार...

लेबनान: परिचय, इतिहास, और वर्तमान स्थिति (In English)

लेबनान: परिचय, इतिहास, और वर्तमान स्थिति Introduction to Lebanon: Lebanon, officially known as the Lebanese Republic, is a small country located on the eastern shore of the Mediterranean Sea, in the Middle East. Despite its size, Lebanon has historically been an important center of trade and culture. With a population of around 7 million, Lebanon is known for its diverse cultural heritage, a mix of various religions, and a history shaped by both ancient civilizations and modern political conflicts. Lebanon shares its borders with Syria to the north and east and Israel to the south. The Mediterranean Sea forms its western boundary. The country's strategic position has historically made it a hub for trade, but also a battleground for various powers throughout history. Beirut, the capital of Lebanon, is one of the oldest cities in the world and serves as the cultural and economic heart of the nation. Lebanon is often described as the "Switzerland of the Middle East" due to i...

"एक राष्ट्र एक चुनाव " केंद्रीय कैबिनेट की मुहर ( पूरा लेख पढ़ने के लिए लिंक पर क्लिक कीजिए। )

एक राष्ट्र, एक चुनाव: भारत में चुनाव सुधार की आवश्यकता   परिचय भारत में लोकतंत्र की जड़ें बहुत गहरी हैं और यह विश्व का सबसे बड़ा लोकतांत्रिक देश है। भारतीय संविधान ने नागरिकों को अपने प्रतिनिधियों का चुनाव करने का अधिकार दिया है। भारतीय लोकतंत्र की सफलता का प्रमाण इसके चुनावी तंत्र में निहित है, लेकिन समय के साथ इसमें सुधार की आवश्यकता महसूस होने लगी है। इसी सुधार के संदर्भ में "एक राष्ट्र, एक चुनाव" (One Nation, One Election) की अवधारणा का उदय हुआ है। इस अवधारणा का मुख्य उद्देश्य देश में लोकसभा और विधानसभा के चुनावों को एक साथ आयोजित करना है, ताकि चुनावी प्रक्रियाओं में सुधार हो सके और जनता के समय व संसाधनों की बचत की जा सके। एक राष्ट्र, एक चुनाव की पृष्ठभूमि स्वतंत्रता के शुरुआती वर्षों में भारत में लोकसभा और राज्य विधानसभाओं के चुनाव एक साथ ही आयोजित होते थे। 1952, 1957, 1962 और 1967 में देशभर में चुनाव एक साथ कराए गए। परंतु 1968 और 1969 के बाद यह प्रणाली टूट गई जब कुछ राज्य विधानसभाओं को समय से पहले भंग कर दिया गया। इसके परिणामस्वरूप, विधानसभा और लोकसभा चुनाव अलग-अलग समय ...