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Showing posts from March, 2022

ब्रिटिश काल में शिक्षा संबंधित आयोग

  शिक्षा के प्राच्य वादी परंपरा विलियम जॉन्स और कोल ब्रुक विलियम जॉन्स 1783 में कोलकाता आया उसे ईस्ट इंडिया कंपनी द्वारा स्थापित किए गए सुप्रीम कोर्ट में जूनियर जज के पद पर तैनात किया गया था। वह ग्रीक ,लैटिन, फ्रेंच, अंग्रेजी, अरबी ,फारसी भाषाओं का ज्ञाता था। उसने ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी में ग्रीक और लैटिन भाषा का अध्ययन किया था। भारत आने के बाद वह रोजाना संस्कृत विद्वानों के साथ बैठकर संस्कृत व्याकरण संस्कृत काव्य का अध्ययन करने लगा। कुछ समय पश्चात उन्होंने कानून दर्शन धर्म राजनीति नैतिकता अंकगणित चिकित्सा विज्ञान और अन्य विज्ञानों की प्राचीन भारतीय पुस्तकों का अध्ययन शुरू कर दिया। कुछ समय पश्चात विलियम जॉन्स ने कोल ब्रुक को भी अपनी जैसी दिलचस्पी रखते हुए पाया इन दोनों के मन में भारतीय प्राचीन संस्कृति के प्रति गहरा आदर था। 1781 में अरबी फारसी इस्लामिक कानून के अध्ययन को बढ़ावा देने के लिए कोलकाता में एक मदरसा खोला गया। 1791 में बनारस में हिंदू कॉलेज की स्थापना की गई ताकि प्राचीन संस्कृत ग्रंथों की शिक्षा दी जा सके। थॉमस बविंगटन मैकाले का विरोध विलियम जोंस और कोल ब्रुक का थॉमस मैकाले

जिनेवा कन्वेंशन

  जिनेवा कन्वेंशन 1864 में युद्ध के समय घायलों या युद्ध बंदियों की मदद के लिए रेड क्रॉस के संस्थापक हेनरी ड्नेयूट के प्रयासों से जिनेवा कन्वेंशन की स्थापना हुई। 1864 और 1949 के बीच जिनेवा में संपन्न संधियों की एक श्रृंखला है जिनेवा अभीसमय। तीसरे जेनेवा सम्मेलन 1929 मैं संपन्न हुआ इसके अनुच्छेद 13 के अनुसार युद्ध के कैदियों(prisoners of wars: pow) के साथ हर समय मानवीय व्यवहार किया जाना चाहिए। 194 देश जिनेवा कन्वेंशन के दायरे में है। युद्ध में बंधे बनाने वाले देश द्वारा किसी भी गैर कानूनी कार्य या चूक के कारण मौत या उसकी हिरासत में युद्ध बंदी के स्वास्थ्य को गंभीर रूप से खतरे में डालना मना है ऐसा होने पर कन्वेंशन का एक गंभीर उल्लंघन माना जाता है। तीसरे जेनेवा सम्मेलन 1929 के अनुच्छेद 118 के अनुसार युद्ध के कैदियों को सक्रिय युद्ध की समाप्ति के बाद बिना देरी किए रिहा किए जाने का प्रावधान है। 27 मई 1999 को कारगिल युद्ध के दौरान mig-27 उड़ाने वाले कमांडर नचिकेता को पाकिस्तान ने पकड़ लिया था उसी वर्ष भारत को सौंप दिया गया था। जेनेवा कन्वेंशन के उद्देश्य युद्ध में घायल और बीमार सैनिकों के उपच

नृत्य और संगीत (डांस एंड म्यूजिक)

  नृत्य और संगीत भरतमुनि का नाट्यशास्त्र में नृत्य के तीन पहलुओं का वर्णन किया गया है:-  नाट्य ,नृत्य के नाटकीय तत्व का निरूपण है। नृत्य के माध्यम से मुख्य अभिव्यक्ति हस्त मुद्रा और पैरों की स्थिति के द्वारा मनोदशा का वर्णन किया जाता है। नृत्य शुद्ध होता है इसके द्वारा ना किसी भाव का वर्णन किया जाता है ना किसी का अर्थ निकाला जाता है। कथक:-  यह उत्तर प्रदेश का एक परंपरागत शास्त्रीय नृत्य का स्वरूप है। इसके उद्भव  के प्रमाण ब्रजभूमि की रासलीला से मिलती है। कथिक शब्द से कत्थक की उत्पत्ति हुई है जिसका अर्थ कहानी कहने वाला से है। इस नृत्य को ध्रुपद संगीत के साथ प्रस्तुत किया जाता है। मुगल काल के दौरान तराना ठुमरी और गजल जैसे संगीत भी प्रस्तुत किए जाते थे। हिंदू और मुस्लिम परंपराओं के मिश्रण वाला यह एकमात्र भारतीय शास्त्रीय नृत्य है। यह संगीत हिंदुस्तानी शैली पर आधारित एक मात्र शास्त्रीय नृत्य है। बिरजू महाराज ,लच्छू महाराज ,दमयंती जोशी आदि इस नृत्य से संबंधित प्रसिद्ध व्यक्ति है। नोट:- प्रसिद्ध नृत्यांगना सितारा देवी की 97 जयंती पर गूगल ने डूडल बनाकर सम्मान दिया था ।सितारा देवी को रविंद्र न

Asia Pacific Economic co- Operations (APEC)

  ASIA PACIFIC ECONOMICS co- OPERATIONS  परिचय यह एशिया प्रशांत क्षेत्र में आर्थिक विकास सहयोग व्यापार और निवेश की सुविधा के लिए क्षेत्रीय आर्थिक मंच है एशिया प्रशांत क्षेत्र की एक दूसरे पर बढ़ती आर्थिक निर्भरता का लाभ उठाने के लिए 1989 में इस मंच की स्थापना की गई थी इसका सचिवालय सिंगापुर में है इसमें सदस्य राष्ट्रों की संख्या 21 है - कनाडा ,संयुक्त राज्य अमेरिका, मेक्सिको ,पेरू, चिल्ली, रूस, रिपब्लिक ऑफ कोरिया ,जापान, चीन ,हांगकांग ,ताइवान ,थाईलैंड ,फिलीपींस, मलेशिया ,सिंगापुर ,इंडोनेशिया, पापुआ न्यू गिनी ,ऑस्ट्रेलिया तथा न्यूजीलैंड है। इसके उद्देश्य                           एशिया प्रशांत क्षेत्र में क्षेत्रीय आर्थिक समन्वय द्वारा सतत एवं समावेशी आर्थिक विकास और समृद्धि में वृद्धि करना है।           खुले व्यापार और निवेश को बढ़ावा देना आर्थिक और तकनीकी सहयोग को बढ़ावा देना। व्यापार और निवेश ,उदारीकरण व्यापार सुविधा, आर्थिक और तकनीकी सहयोग इसके प्रमुख स्तंभ है  भारत इस संगठन का सदस्य नहीं है। Join me  on DISHAA IAS ACADEMY( Facebook, Instagram ,YouTube   )

Geographical Indicator (G.I.TAG)

  क्या है G.I. टैग? किसी स्थानीय उत्पाद को दिया जाने वाला यह है कि विशेष टैग है यह मुख्य रूप से कृषि, प्राकृतिक ,हस्तशिल्प और औद्योगिक उत्पादन को दिया जाता है जो किसी विशिष्ट भौगोलिक क्षेत्र में उत्पादित या निर्मित होते हैं जी हाय टियागो औद्योगिक संपत्ति के संरक्षण के लिए पेरिस कन्वेंशन के तहत बौद्धिक संपदा अधिकारों के घटक के रूप में शामिल किया गया अंतरराष्ट्रीय स्तर पर इसका विनयमन WTO  के  बौद्धिक संपदा अधिकारों के तहत  (TRIPS AGREEMENT) किया गया है यह अधिनियम DIPP (Department of Industrial Policy Promotion)के अधीन Controller General of Patents, Design and Trademarks द्वारा प्रशासित है 2004 में दार्जिलिंग चाय जीआई टैग प्राप्त करने वाला पहला भारतीय उत्पाद है G.I.Tag का महत्व इससे स्थानीय उत्पादों का संरक्षण होता है एवं उसे बढ़ावा मिलता है इससे ग्रामीण और आदिवासी समुदाय के आर्थिक उत्थान में सहायता मिलता है इससे वस्तु के निर्यात में बढ़ावा मिलता है Contact-6204281377 for e.notes to the points topic wise .

भारत रत्न व पद्म पुरस्कार

  भारत रत्न भारत रत्न  भारत का सर्वोच्च नागरिक सम्मान है भारत रत्न की शुरुआत 1954 में हुई थी भारत रत्न की सिफारिश स्वयं प्रधानमंत्री द्वारा राष्ट्रपति को की जाती है यह पुरस्कार पाने वाले को राष्ट्रपति द्वारा हस्ताक्षरित एक प्रमाण पत्र और एक पीपल की पत्ती के आकार का पदक प्राप्त होता है इस पुरस्कार में कोई मौद्रिक अनुदान प्राप्त नहीं होता है संविधान के अनुच्छेद 18 1 की शर्तों के अनुसार पुरस्कार का प्रयोग प्राप्तकर्ता के नाम के आगे उपसर्ग व प्रत्यय के रूप में नहीं किया जा सकता है 2 गैर भारतीयों को भारत रत्न से सम्मानित किया जा चुका  हैं पाकिस्तान के खान अब्दुल गफ्फार खान तथा दक्षिण अफ्रीका के पूर्व राष्ट्रपति नेल्सन मंडेला पद्म पुरस्कार यह पुरस्कार तीन श्रेणियों में दिया जाते हैं पद्म विभूषण- यह साधारण और विशिष्ट सेवा के लिए दिया जाता है पद्म भूषण- यह उत्कृष्ट कोटि की सेवा के लिए दिया जाता है पद्मश्री - यह विशिष्ट सेवा के लिए दिया जाता है पुरस्कारों की घोषणा प्रत्येक वर्ष गणतंत्र दिवस के अवसर पर किया जाता है