सुर्खियों मे 'हिज़बुल्लाह'
हिज़बुल्लाह: एक परिचय
भूमिका
हिज़बुल्लाह (या हिज़्बुल्लाह) एक शिया इस्लामी आतंकी संगठन और राजनीतिक दल है, जिसका मुख्यालय लेबनान में है। इसे 1980 के दशक में लेबनान के गृह युद्ध के दौरान ईरान के इस्लामी क्रांति के समर्थन से स्थापित किया गया था। हिज़बुल्लाह का अर्थ है "अल्लाह की पार्टी," और यह संगठन मुख्य रूप से शिया मुसलमानों के हितों का प्रतिनिधित्व करने का दावा करता है।
स्थापना और पृष्ठभूमि
हिज़बुल्लाह की स्थापना 1982 में लेबनान के दक्षिणी क्षेत्र में इज़रायली आक्रमण के प्रतिरोध के रूप में हुई थी। इसे ईरान की इस्लामी रिवोल्यूशनरी गार्ड्स कॉर्प्स (IRGC) द्वारा समर्थन प्राप्त था। हिज़बुल्लाह ने अपनी विचारधारा और राजनीतिक दृष्टिकोण को ईरान की इस्लामी सरकार के सिद्धांतों के आधार पर तैयार किया।
उद्देश्यों और विचारधारा
हिज़बुल्लाह का मुख्य उद्देश्य लेबनान से इज़रायली सेनाओं को बाहर निकालना और एक इस्लामी राज्य की स्थापना करना है। यह संगठन शिया इस्लामी विचारधारा पर आधारित है और इरान की धार्मिक सत्ता के प्रति निष्ठा रखता है। हिज़बुल्लाह पश्चिमी देशों, विशेषकर संयुक्त राज्य अमेरिका और इज़राइल के विरोध में है और उन्हें "शैतान" के रूप में देखता है।
गतिविधियाँ
हिज़बुल्लाह ने लेबनान में विभिन्न सैन्य और आतंकवादी गतिविधियों में हिस्सा लिया है, जिनमें से कई इज़राइल के खिलाफ हैं। इस संगठन ने 2006 में इज़राइल के साथ एक बड़े संघर्ष में भी भाग लिया था, जिसे "2006 लेबनान युद्ध" कहा जाता है। इसके अलावा, हिज़बुल्लाह ने सीरिया के गृह युद्ध में भी सक्रिय रूप से हिस्सा लिया है, जहाँ उसने बशर अल-असद की सरकार के समर्थन में लड़ाई की।
सामाजिक और राजनीतिक प्रभाव
हिज़बुल्लाह न केवल एक सैन्य संगठन है, बल्कि लेबनान की राजनीति में भी एक प्रमुख भूमिका निभाता है। इस संगठन के पास अपनी स्वयं की टेलीविजन चैनल, अल-मनार, और विभिन्न सामाजिक सेवा कार्यक्रम हैं। हिज़बुल्लाह ने लेबनान की राजनीति में महत्वपूर्ण स्थान प्राप्त किया है और इसका प्रतिनिधित्व लेबनान की संसद में भी है।
अंतर्राष्ट्रीय मान्यता और विवाद
कई देशों, विशेषकर संयुक्त राज्य अमेरिका, कनाडा, इज़राइल, और यूरोपीय संघ ने हिज़बुल्लाह को एक आतंकवादी संगठन के रूप में मान्यता दी है। दूसरी ओर, कुछ देशों और संगठनों के लिए हिज़बुल्लाह एक प्रतिरोध आंदोलन और एक वैध राजनीतिक दल है।
निष्कर्ष
हिज़बुल्लाह की गतिविधियाँ और इसके लक्ष्यों की जटिलता ने इसे मध्य पूर्व की राजनीति और सुरक्षा में एक महत्वपूर्ण खिलाड़ी बना दिया है। इसके समर्थक इसे एक प्रतिरोध आंदोलन के रूप में देखते हैं, जबकि इसके विरोधी इसे क्षेत्रीय स्थिरता के लिए खतरा मानते हैं। हिज़बुल्लाह का भविष्य और इसका प्रभाव लेबनान और व्यापक मध्य पूर्व में बहुत हद तक क्षेत्रीय और वैश्विक घटनाओं पर निर्भर करेगा।
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