सुर्खियों मे "बगराम एयरबेस"


बगराम एयर बेस: इतिहास, सामरिक महत्व और विरासत 

प्रस्तावना 

बगराम एयर बेस अफगानिस्तान की राजधानी काबुल से लगभग 40 किलोमीटर उत्तर में परवान प्रांत में स्थित है। यह अफगानिस्तान में अमेरिकी सेना का सबसे बड़ा ठिकाना था और लगभग दो दशकों तक "वार ऑन टेरर" (आतंकवाद के खिलाफ युद्ध) का प्रमुख केंद्र बना रहा। जुलाई 2021 में अमेरिकी सेना की वापसी तक यह ठिकाना अफगानिस्तान में अमेरिका की सैन्य शक्ति और रणनीतिक उपस्थिति का प्रतीक बना रहा।
ऐतिहासिक पृष्ठभूमि 

* सोवियत काल: बगराम बेस का निर्माण 1950 के दशक में सोवियत संघ ने किया था। 1979–1989 के बीच अफगानिस्तान पर सोवियत कब्जे के दौरान यह सोवियत सेना का मुख्य परिचालन अड्डा रहा। गृहयुद्ध और तालिबान काल: सोवियत वापसी के बाद यह ठिकाना विभिन्न अफगान गुटों के बीच संघर्ष का केंद्र बना रहा। 1990 के दशक के अंत तक यह तालिबान के नियंत्रण में आ गया। 
* अमेरिकी अधिग्रहण (2001): 11 सितम्बर 2001 के हमलों के बाद जब अमेरिका ने अफगानिस्तान में सैन्य हस्तक्षेप किया तो बगराम बेस को सबसे बड़े सैन्य अड्डे के रूप में विकसित किया गया। 
अमेरिकी और नाटो का उपयोग 

* संरचना और विस्तार: अमेरिका ने बेस को आधुनिक बनाने के लिए दो लंबे रनवे, एयरक्राफ्ट शेल्टर, सैनिकों के बैरक, अस्पताल और उच्च सुरक्षा वाली जेल बनाई। 
* सैनिक और संसाधन: अपने चरम पर यहां लगभग 40,000 सैनिक और ठेकेदार तैनात थे। मुख्य भूमिका: यहां से ड्रोन अभियान, वायु हमले, खुफिया निगरानी और रसद आपूर्ति संचालित की जाती थी। यह पूरे अफगानिस्तान में आतंकवाद विरोधी अभियानों का केंद्र था। 

 सामरिक महत्व 

* भौगोलिक स्थिति: यह हिंदूकुश पर्वतमाला के निकट स्थित है, जिससे पाकिस्तान, ईरान और मध्य एशिया के क्षेत्रों तक अमेरिकी वायु शक्ति आसानी से पहुँच सकती थी। 
* चिकित्सा सुविधा: बगराम में अमेरिकी सेना का सबसे बड़ा अस्पताल था, जहाँ घायल सैनिकों और कभी-कभी अफगानी नागरिकों का भी इलाज किया जाता था। 
विवाद 

* बगराम जेल: यहाँ "परवान डिटेंशन फैसिलिटी" नाम की जेल कुख्यात रही। कई अंतरराष्ट्रीय संगठनों ने यहां मानवाधिकार उल्लंघन और कैदियों पर अत्याचार के आरोप लगाए। 
* स्थानीय प्रभाव: स्थानीय लोगों ने इसे अक्सर विदेशी हस्तक्षेप का प्रतीक माना। हवाई हमलों और भूमि कब्जे के कारण यह अफगान समाज में विवाद और असंतोष का कारण बना। 

अमेरिकी वापसी 

जुलाई 2021 में अमेरिकी सेना ने अचानक रातोंरात बगराम बेस खाली कर दिया। अफगान सुरक्षा बलों ने इसे कुछ समय तक संभाला लेकिन अगस्त 2021 में तालिबान के कब्जे में यह बेस चला गया।
विरासत 

बगराम एयर बेस अमेरिकी युद्ध रणनीति का प्रतीक तो है, लेकिन इसके साथ-साथ यह अफगानिस्तान में विदेशी दखल और लंबे संघर्ष की याद भी दिलाता है। वर्तमान में यह तालिबान के नियंत्रण में है और इसका भविष्य अनिश्चित है।

प्रमुख तथ्य 

* स्थान: परवान प्रांत, काबुल से 40 किमी उत्तर 
* निर्माण: 1950 के दशक में सोवियत संघ द्वारा 
* रनवे: 2 (प्रत्येक 11,000 फीट लंबा) 
* चरम पर सैनिक: लगभग 40,000 
* भूमिका: अमेरिका व नाटो का प्रमुख सैन्य अड्डा, ड्रोन अभियान, खुफिया व चिकित्सा केंद्र 
* अमेरिकी वापसी: 2 जुलाई 2021 वर्तमान नियंत्रण: तालिबान (अगस्त 2021 से) 




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